ज़रा आसमां बड़ा तो कर, एक सूरज नया निकाल बस अपने भर के लिए ही तू मुट्ठी भरता क्यों है जो पुराने टूट गए उनकी किरचें न अब और संभाल नए ख़्वाब आंखों में उतारने से तू इतना डरता क्यों है 9/7/20 Your quote Baba