मन विरहन का तड़पता प्यार पिया का पाने को ढूँढे हजार बहाने विरहन प्रियतम तुझे बुलाने को "सोना" आनंद मिलन का क्या जाने सारा जमाना मिलन जरूरी होता साजन सोया प्रेम जगाने को ~~``~``~~ स्वरचित :- दीपिका तिवारी "सोना" दीपिका तिवारी "सोना" की रचनाएँ