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कहाँ भटक रहे हो प्यारे, मैं तो तुम्हारे पास ही हूँ

कहाँ भटक रहे हो प्यारे, मैं तो तुम्हारे पास ही हूँ
अब लौट भी आओ, मैं तो कब से बैठा इतजार में हूँ
प्यार ही प्यार है इस जहान, अपने तो यहाँ गैर भी है
कहाँ फसें हो झूठे रीश्तों में
अगले जन्म तुम्हारा साथी कोई ओर ही है॥

©Pooja Singh #KrishnaVaani
कहाँ भटक रहे हो प्यारे, मैं तो तुम्हारे पास ही हूँ
अब लौट भी आओ, मैं तो कब से बैठा इतजार में हूँ
प्यार ही प्यार है इस जहान, अपने तो यहाँ गैर भी है
कहाँ फसें हो झूठे रीश्तों में
अगले जन्म तुम्हारा साथी कोई ओर ही है॥

©Pooja Singh #KrishnaVaani