वो जो बचपन में कहा था तुमने की इश्क़ के दीवारों से नफ़रत है मुझे सुना है, मोहब्बत का अब महल बना रहे हो ना मै ताना मारने नहीं आया बस इतना कहने आया हूं उसी जगह का मालिक हूं मै आओ कभी सौदे की बात कर ले सुना है,अपने सौहर को बहुत संवार रहे हो # कल्पना