चले थे साथ ही घर से, किसी मंजिल की खोज में , अधूरे सफर में मकसद बदल गया। जिन पर भरोसा था ,विश्वास था ,हद से ज्यादा "प्रिय" जब तुम ही बदल गए , तो सब कुछ बदल गया।। 🙏🙏 #शायरी :-भरोसा Ravi Sagar pooja yadav Anjan@anu (Anurag Sharma) Shaantanu अंकित कुमार ✍️