मुझे बहुत याद आते है वो दिन जब निकलता हू दरवाजे के बाहर थोडे थे पर खूब थे वो जिन्दगी के दिन चार मुझे खूब सताते थे रूलाते थे और फिर दिखाते थे प्यार वो मैरे कमीने यार... ए खुदा फिर मिला दे एक बार... yaari #dost//