सुरूर मोहब्बत का छाया कुछ इस तरह। हर पल हर जगह ढूंँढ़े मुझे तेरी ये नज़र। सुरूर मोहब्बत का तेरा मुझ पर सितम ढा रहा है। दिल मेरा बस तेरे ही खयालों में खोना चाह रहा है। कैसी है ये दिल की लगी कैसी छाई है मदहोशी। दिल मेरा बिन पूछे मुझसे कर रहा है आवारगी। अब के गए सजन जो तुम कब आओगे। क्यों लौटने की कर रहे हो इतनी देरी। ये इंतजार का लम्हा खत्म कर दो ना। मुझसे है तुम्हें मोहब्बत एक बार कह दो ना। ♥️ Challenge-902 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।