बेवजह, बेमकसद जिए जाते हैं ज़िदगी तेरे इल्ज़ाम पिए जाते हैं हर रोज़ जीने की तमन्ना दिल में लिए तलबगार मौत के हुए जाते हैं #wingsofpoetry