मेरी हर धङकन में एक खनक होती हैं। हर धङकन से एक आवाज निकलती है।। यूँ तो भुल चुका हूँ मैं तुझे लेकिन तेरी याद है जो मेरी हर धङकन मे बसती है।।। ।। इस युग का मिरज़ा गालिब।। #धङकन#गालिब