विघ्न हर्ता श्री गणेश दुख- विनाशक, सुखदायक हो तुम। रिद्धि-सिद्धि के स्वामी हो, बाधा विपत्ति को हरते हो तुम। विमल बुद्धि के दाता हो, विद्या, विनय, विभव देते हो तुम। एकदंत, गजबदन, विनायक, त्रिनयन रूप अनूप धरे हो तुम। गुड़ मोदक का भोग लगवाते, मूषक की सवारी करते हो तुम। शंकर सुवन, भवानी नंदन, भवसागर से अब पार करो तुम। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫 आप सभी रचनाकारों को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं..😊🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-61 में स्वागत करता है..🙏🙏