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कितना बेबस हूं :- दुःख बेच नहीं सकता, और सुख खरीद

कितना बेबस हूं :-
दुःख बेच नहीं सकता, और सुख खरीद नहीं सकता।
सच्चाई से मुंह मोड़ कर, जिए जा रहा है :-
“इंसान” #bebashi
कितना बेबस हूं :-
दुःख बेच नहीं सकता, और सुख खरीद नहीं सकता।
सच्चाई से मुंह मोड़ कर, जिए जा रहा है :-
“इंसान” #bebashi