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क्या धन ही आधार जगत का? क्या धन बड़ा इंसानियत से?

क्या धन ही आधार जगत का?
क्या धन बड़ा इंसानियत से?
क्या सुख का अहसास धन से संभव?
क्या धन से दुःखो की मुक्ति संभव?
क्या दया, प्रेम बे मोल यहाँ?
क्या धन से मृत्यु पर विजय संभव?
धन से सिर्फ भूख की तृप्ति, 
मन कि तृप्ति प्रेम और संतोष से
प्रेम से सूखी रोटी अमृत सी,  
प्रेम संतोष बिना रोटी जहर सम 📖 रचना विषय :- 'क्या धन ही आधार जगत का ?'
📖 06-10 पंक्तियों में अपनी उत्कृष्ट रचना करें ✍️
📖 वर्तनी पर विशेष ध्यान दें।
📖 अपने मित्र रचनाकारों को भी इस विषय पर लिखने के लिए आमंत्रित व सूचित करें।
📃आवश्यक नियम व शर्तें पिन पोस्ट के कैप्शन में पढ़कर ही रचना पूर्ण करें।
©Image credit - copyright free
#हिन्दी_काव्य_कोश
#tmkosh #yqbaba #हिन्दी_काव्य_कोश
क्या धन ही आधार जगत का?
क्या धन बड़ा इंसानियत से?
क्या सुख का अहसास धन से संभव?
क्या धन से दुःखो की मुक्ति संभव?
क्या दया, प्रेम बे मोल यहाँ?
क्या धन से मृत्यु पर विजय संभव?
धन से सिर्फ भूख की तृप्ति, 
मन कि तृप्ति प्रेम और संतोष से
प्रेम से सूखी रोटी अमृत सी,  
प्रेम संतोष बिना रोटी जहर सम 📖 रचना विषय :- 'क्या धन ही आधार जगत का ?'
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Krish Vj

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