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प्रेम जिससे भी करना निस्वार्थ भाव से करना,जो प्रेम

प्रेम जिससे भी करना निस्वार्थ भाव से करना,जो प्रेम स्वार्थ के लिए हों या कुछ पाने के  लिए हों,
वों प्रेम-प्रेम नहीं  धोखा हैं,,

©Priya Verma
  #selflove