वर्षो से जो एक बूंद मात्र के लिए थी तरस रही, आज वो झरने,धरा,मूक पक्षियों की गूँज चहक रही, अंगारों की भाँति तपती धरती की इस सावन यहिं पुकार, इस बारिश के मौसम में खत्म होगा मेरा बेइंतहा इंतजार, खिल जाएगी नई कलियां, आएगी मनभावन वसंत बहार, मुबारक हो आपको अनेक ऋतुओं का बदलता त्योहार, ऋतुओं के कालचक्र से चलता हैं ये सारा संसार, दिल खुश हो जाये ,जब दस्तक देती हैं रिमझिम फुहार, 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-50 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6-8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।