गुम हो जाता हूँ जब कभी शून्य के गलियारे में आभास करता हूँ इक अक्स बात करते इशारे में। अनुभूत कर पाते अगर,तब उन नयनों की नमीं तो खलती नही हमें अब उनकी इतनी कमी। समझ पाता शायद आभाषित लबों की ध्वनि, कि एकाकी ज़िन्दगी भी प्रतित न होती इतनी सूनी!!:) ©RAVINANDAN Tiwari #हल्के_कलम #अनुराग_कच्ची_सड़क #kahanikaar #NojotoWriter #Nojotohindi #nojotolive #nojotonewshindi #nojotowriters