आज मुद्दतों बाद तुमसे बात हुयी.. मैं खुश हूँ पर ये दिल अब भी खफा है कि हमेशा ऐसे बाते क्यो नही करती
रोज क्यो मुझसे मेरा हाल नही पूछती
हर रोज क्यो मुझे अवाज नही करती पर मेरे दिल से एक अवाज आती है.. शायद आज शायद कल शायद परसो शायद.. शायद अब करते करते एक अर्शा बीत जाता है और उस अर्शे मे शामिल होती है कुछ पुरानी खट्टी मीठी यादें कुछ पुराने वादे साथ ही तेरी खुशी, मेरे गम तेरी मुस्कुराहट और मेरी झल्लाहट इसी बीच कई दफे टूटता हूँ फिर संभालता हूँ और सोचता हूँ आएगा फिर कभी जब कॉल तो सब बता दूँगा तुम्हें कैसे गुज़रते हैं मेरे दिन बिन तुम्हारे पर जब कॉल आता है तो भर आती हैं आँखे और दिल कहता है पूछ कैसी हो.............
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@mit vermn