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दौड़ रहे दिन रात। अब न होती खुदसे बात। गुजरती है ज

दौड़ रहे दिन रात।
अब न होती खुदसे बात।
गुजरती है ज़िंदगी जमाने के कहे।
बताते है दूसरे की हम कैसे रहे।
संभालते हम औरों के जज्बात।
अब न होती खुदसे बात।

©Man Ke Khat #Mankekhat #Life #Quote
दौड़ रहे दिन रात।
अब न होती खुदसे बात।
गुजरती है ज़िंदगी जमाने के कहे।
बताते है दूसरे की हम कैसे रहे।
संभालते हम औरों के जज्बात।
अब न होती खुदसे बात।

©Man Ke Khat #Mankekhat #Life #Quote