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उम्र के इस पड़ाव पर मेरा साथी छूट गया आँखाें में

उम्र के इस पड़ाव पर मेरा 
साथी छूट गया
आँखाें में सजाया था ख्वाब जिस भविष्य की खातिर
वाे भविष्य भी हमसे रूठ गया
एक -एक कर सब साथी छूटे
तन्हाई में घूट कर रह जाऊँ मैं
कहना भी चाहू गर व्यथा दिल की
ताे किस कंधे पर सर रख राेऊँ मैं..... Challenge 18 - 'किस कंधे पर सर रख रोऊँ'
8 पंक्तियों की रचना कर प्रतियोगिता में भाग लें।
विशेष:- आवश्यक नियम पिन पोस्ट के कैप्शन में पढ़ें।
🌠
आज के अत्यंत ही रोचक विषय 'किस कंधे पर सर रख रोऊँ' पर रचना कीजिये। जिसमें एक वृद्ध मनुष्य कहता है कि हर कोई अपने-अपने कार्य में लगा है किसीको समय कहाँ है जो मेरी व्यथा सुने मैं स्वयं में ही घुट रहा हूँ।
#yqbaba #yqdidi #tmkosh 
📢🔊
यदि आप अन्य कवियों की रचना व उनकी लेखन शैली को पढ़ते हैं तो आपकी लेखनी में समय की आवश्यकता के अनुरूप धार आएगी जो आपकी रचना को सभी से अलग करेगी।
उम्र के इस पड़ाव पर मेरा 
साथी छूट गया
आँखाें में सजाया था ख्वाब जिस भविष्य की खातिर
वाे भविष्य भी हमसे रूठ गया
एक -एक कर सब साथी छूटे
तन्हाई में घूट कर रह जाऊँ मैं
कहना भी चाहू गर व्यथा दिल की
ताे किस कंधे पर सर रख राेऊँ मैं..... Challenge 18 - 'किस कंधे पर सर रख रोऊँ'
8 पंक्तियों की रचना कर प्रतियोगिता में भाग लें।
विशेष:- आवश्यक नियम पिन पोस्ट के कैप्शन में पढ़ें।
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आज के अत्यंत ही रोचक विषय 'किस कंधे पर सर रख रोऊँ' पर रचना कीजिये। जिसमें एक वृद्ध मनुष्य कहता है कि हर कोई अपने-अपने कार्य में लगा है किसीको समय कहाँ है जो मेरी व्यथा सुने मैं स्वयं में ही घुट रहा हूँ।
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यदि आप अन्य कवियों की रचना व उनकी लेखन शैली को पढ़ते हैं तो आपकी लेखनी में समय की आवश्यकता के अनुरूप धार आएगी जो आपकी रचना को सभी से अलग करेगी।
mamtasingh9974

Mamta Singh

Bronze Star
New Creator