आजादी चाहिए मयखाने में जिस कदर मिल जाते हैं सभी मजहब के लोग, ना जात पांत ना किसी का मजहब देखा जाता है इस वतन को एक ऐसी ही आजादी चाहिए। लाखों दिल टूटते हैं हर रोज यहां, जाति पाँति के चक्कर में, ना हो ऐसा कभी इश्क को भी एक ऐसी ही आजादी चाहिए। हो गया आजाद वतन किंतु अब भी है कुछ क़ैद से,जी सके खुलकर अपनी मर्जी से हर बेटियों को एक ऐसी भी आजादी चाहिए। आज़ादी चाहिए... #आज़ादीचाहिए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi