Adnan Rabbani's Shayari • किस घड़ी घर बुला ले पता है किसी को।
क्या रब ने अब तक रखा है किसी को।।
किस मिल्कियत पे नाज है न जाने इस जहां को।।
हर दिल खफा है किसी से गिला है किसी को।।
kis ghadi Ghar bulale pata Hai kisi Ko
kya rab Ne ab tak Rakha Hai kisi Ko #Death#Attitude#ego#Truth_of_Life#contact