वक्त-बेवक्त , कैसी ख़ुमारी छाई । मेरे रूह में , तेरी आहट सी आयी । यूं तो , लोगों ने मजमा सजाया । तेरी तारूफ़ सुनने , जहां आया । ज़िक्र में लब्ज़ से , उफ़ न निकले । बयां करने चले तो , बस शर्मा गए। ख़ुदा बक्शे मुझे ज़रा हिम्मत , कुबूल करू तेरी मोहबब्त । नसीब हो मुझे जहां-ए-जन्नत ! वक्त बेवक्त , कैसी ख़ुमारी छाई । मेरे रूह में , तेरी आहट सी आयी । यूं तो , लोगों ने मजमा सजाया । तेरी तारूफ़ सुनने , जहां आया । ज़िक्र में लब्ज़ से , उफ़ न निकले । बयां करने चले तो , बस शर्मा गए । ©Anuradha Sharma #love #pyaar #izhaar #muhabbat #yqquotes #yqshayari #yqsong #yqurdu #ujala #Nojoto