Friendship Diary:- 2010 की साल में, हुआ नए स्कूल में आगमन..! अनजान लोगों की भीड़ में,आँखे ढूंढ रही थी अपनापन..!! दिन बीते, पर मिला ना साथ, फिर हुआ एक एहसास.. कोई अजनबी था पास खड़ा,उम्मीदों की लहर में साथ खड़ा..! लगने लगा ये कोई सपना है, पर जो साथ खड़ा है,वो अपना है..! दोस्ती का परवान फिर चढ़ने लगा, उत्साह उमंग अब बढ़ने लगा..! दिन निकले, साथ पढ़ने में, हँसी-ठिठोली करने में..! फिर आया समय कॉलेज जाने का, पुराना साथ अब छूटने का..! आखिर देखे हमने भी कुछ सपने थे, कॉलेज लाइफ में जीने के..! सोचा था कुछ अलग, पर माहौल मिला, कुछ अलग फिर अनजान लोगों के साये में, ढाला खुद को उस साँचे में..! आखिर नए सफर की,नयी उमंग में, फिर कुछ साथी नए मिले, चार साल की कॉलेज लाइफ में, चार सितारे अब हमें मिले..!! हर्ष,उल्लास,उमंग से, फिर बीते चारो साल, 42 subjects पढ़कर आखिर कर ली engineering पास..! अब बस यही कहना है.. ऐ दोस्त कभी हो न जुदा, इस दोस्ती पर सब कुछ फिदा..! देते है दुआ,ना आए,तेरे दर पर गम हमारी ये फ्रेंडशिप ना हो कभी कम..!! #Friendship Diary