यू तो धडकनों मेरी है, पर उनके बीच की झेलम हो तुम! For full poem see the caption... मेरे लिए क्या हो तुम! सुनो, मैं एक ऐसा जख्म हूँ, जिसका इलाज हो तुम! ये जो इतना उलझा हूँ मैं, इसको सुलझा सकती हो सिर्फ तुम!