ज़रा हमपे थोड़ा सा एहसान कीजे हमें आपके दिल में बस जाने दीजे हमको मिली है यह खुशियां नसीबा ज़रा हमको थोड़ा तो जी लेने दीजे सहमें से हैं हम सितम सहते-सहते सुकूँ को हमें अपनी बांहें तो दीजे बरसों से तरसे हैं दीदार को हम करीब अपने हमको आने तो दीजे अगर मिट भी जाए हमारे निशां हमें अपने ख्वाबों में आने तो दीजे #ss #गज़ल लिखने की नाकाम कोशिश #alone #world_book_day #lockdownstories #storyOnline #PoetryOnline #corona #kitab #meri_kitab Yogini Kajol Pathak