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लौहा जितना तपता है उतनी ही ताकत भरता है, सोने को ज

लौहा जितना तपता है उतनी ही ताकत भरता है,
सोने को जितनी आग लगे वह प्रखर निखरता है,
हीरे पर जितनी धार लगे वह उतना खूब चमकता है,
मिट्टी का बर्तन पकता तब धुन पर खूब खनकता है।

सूरज जैसा बनना है तो सूरज जितना जलना होगा,
नदियों सा आदर पाना है तो पर्वत छोड़ निकलना होगा,
हम आदम के बेटे हैं क्यों सोचें राह सरल होगा ?
कुछ ज्यादा वक्त लगेगा पर संघर्ष जरूर सफल होगा।

हर एक संकट का हल होगा, वह आज नहीं तो कल होगा।

©ख्वाबों में तू
  सूरज जैसा बनना है तो........

सूरज जैसा बनना है तो........ #कविता

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