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आज फिर एक दिन गुज़र गया उसके इंतेज़ार मे कुछ गलत तो

आज फिर एक दिन गुज़र गया उसके इंतेज़ार मे
कुछ गलत तो नही कहा था मैने मेरे ख्याल मे 
जो इतना भड़क गए तुम मेरी छोटी सी बात पर 
आ गए ना वापस तुम?  
आ गए ना वापस तुम अपनी ही औकात पर 
चलो ठीक है!
कर लो गुस्सा, गालियाँ भी सुना लो
अगर इसी से मन शांत होता है तो दो चार गालियाँ ज़रा खुद को भी सुना लो 
क्यूंकि हक़दार तो तुम भी बराबर के हो गालियों मे हो या प्यार मे
आज फिर एक दिन गुज़र गया मेरा तुम्हारे इंतज़ार मे

Anita🎀 uske intezaar me
आज फिर एक दिन गुज़र गया उसके इंतेज़ार मे
कुछ गलत तो नही कहा था मैने मेरे ख्याल मे 
जो इतना भड़क गए तुम मेरी छोटी सी बात पर 
आ गए ना वापस तुम?  
आ गए ना वापस तुम अपनी ही औकात पर 
चलो ठीक है!
कर लो गुस्सा, गालियाँ भी सुना लो
अगर इसी से मन शांत होता है तो दो चार गालियाँ ज़रा खुद को भी सुना लो 
क्यूंकि हक़दार तो तुम भी बराबर के हो गालियों मे हो या प्यार मे
आज फिर एक दिन गुज़र गया मेरा तुम्हारे इंतज़ार मे

Anita🎀 uske intezaar me

uske intezaar me #Shayari