आज फिर एक दिन गुज़र गया उसके इंतेज़ार मे कुछ गलत तो नही कहा था मैने मेरे ख्याल मे जो इतना भड़क गए तुम मेरी छोटी सी बात पर आ गए ना वापस तुम? आ गए ना वापस तुम अपनी ही औकात पर चलो ठीक है! कर लो गुस्सा, गालियाँ भी सुना लो अगर इसी से मन शांत होता है तो दो चार गालियाँ ज़रा खुद को भी सुना लो क्यूंकि हक़दार तो तुम भी बराबर के हो गालियों मे हो या प्यार मे आज फिर एक दिन गुज़र गया मेरा तुम्हारे इंतज़ार मे Anita🎀 uske intezaar me