मेहंदी तो तुने लगा ली किसी और के नाम की पर उसमे से खुशबू मेरी निकालना क्यों भूल गए जो उस मेहंदी मे तुने रचा रखा हैं मेहंदी अपने नाम कर गई कफन तू मेरे नाम कर गई मेहंदी किसी और के नाम उसकी खुशबू मेरे नाम क्यों कर गई