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तुमसे मिलकर के भी हम अधूरे रहे , स्वप्न कैसे नया स

तुमसे मिलकर के भी हम अधूरे रहे ,
स्वप्न कैसे नया संजोए सनम,
जिन आंखों में मुझको खुशी देखनी,
उन आंखों को कैसे भिगोए सनम।
भाग्य रेखा में जो था लिखा ही नहीं,
मुझको वो भी मिला और क्या चाहिए,
बस ये माला तुम्हारी  सुधियों की है,
एक तुम्हे भूलने की दवा चाहिए।
न भूले न खुद को ही समझा सके,
अनवरत तेरे सपनों मे खोए सनम,
तुमसे मिलकर के भी हम अधूरे रहे, 
स्वप्न कैसे नया संजोए सनम।
बेवजह यूं ही बढ़ते गए फासले,
वक्त ने भी सही फैसला कर दिया,
न ही शिकवा गिला न इल्जाम कुछ,
दूरियों ने ही बढ़के भला कर दिया,
तुम पे पूरी नहीं हुई तपस्या तो क्या,
आस के बीज कुछ तो थे बोए सनम,
तुमसे मिलकर के भी हम अधूरे रहे ,
स्वप्न कैसे नया संजोए सनम।
एक उमर जी लिया थोड़े से वक़्त में,
अब ये बाकी समय भी कट जाएगा,
ये जो फैला धुंआ तेरी यादों का है,
मौसमी आंधियों से सिमट जाएगा,
सिलसिला खत्म हो अब ख्वाबों का भी,
बोझ कब तक ये पलकें ढोए सनम,
तुमसे मिलकर के भी हम अधूरे रहे ,
स्वप्न कैसे नया संजोए सनम। #nojoto #vishalkashyap #unnao
तुमसे मिलकर के भी हम अधूरे रहे ,
स्वप्न कैसे नया संजोए सनम,
जिन आंखों में मुझको खुशी देखनी,
उन आंखों को कैसे भिगोए सनम।
भाग्य रेखा में जो था लिखा ही नहीं,
मुझको वो भी मिला और क्या चाहिए,
बस ये माला तुम्हारी  सुधियों की है,
एक तुम्हे भूलने की दवा चाहिए।
न भूले न खुद को ही समझा सके,
अनवरत तेरे सपनों मे खोए सनम,
तुमसे मिलकर के भी हम अधूरे रहे, 
स्वप्न कैसे नया संजोए सनम।
बेवजह यूं ही बढ़ते गए फासले,
वक्त ने भी सही फैसला कर दिया,
न ही शिकवा गिला न इल्जाम कुछ,
दूरियों ने ही बढ़के भला कर दिया,
तुम पे पूरी नहीं हुई तपस्या तो क्या,
आस के बीज कुछ तो थे बोए सनम,
तुमसे मिलकर के भी हम अधूरे रहे ,
स्वप्न कैसे नया संजोए सनम।
एक उमर जी लिया थोड़े से वक़्त में,
अब ये बाकी समय भी कट जाएगा,
ये जो फैला धुंआ तेरी यादों का है,
मौसमी आंधियों से सिमट जाएगा,
सिलसिला खत्म हो अब ख्वाबों का भी,
बोझ कब तक ये पलकें ढोए सनम,
तुमसे मिलकर के भी हम अधूरे रहे ,
स्वप्न कैसे नया संजोए सनम। #nojoto #vishalkashyap #unnao