खत में मैंने लिखा कि अब आ भी जाओ लौट कर वापस, कहीं एसा ना हो कि शहरों की दूरियाँ, हमारे रिश्ते के बीच आ जायें, शहरों की दूरियाँ तो मिट भी सकती हैं, मगर रिश्तों की दूरियाँ मुश्किल हैं।। #अंकित सारस्वत# #khat