हथेलियों पर संभाले लाल को सूर्य के दर्शन कराती है ग्रास कर जाती है ताप को दुनियां से मिलाती है सीने से सटाए बल देती बाल को रक्षा की तुरही बजाती है अनदेखा करती अवगुणों को प्यार के गीत सिखाती है आँचल में छिपाये सरल को सबल वो बन जाती है विपरीत स्थिति में पोषण को रक्त से भर जाती है गोद में बिठाकर अपने हृदय को संस्कार के कौर खिलाती है उज्ज्वल बनाने भविष्य को हर प्रार्थना वो दोहराती है वो माँ होती है। माँ प्रेम की शक्ति है। इस दिवस विशेष की बहुत शुभकामनाएँ। हथेलियों पर संभाले लाल को सूर्य के दर्शन कराती है ग्रास कर जाती है ताप को दुनियां से मिलाती है