यूँ तुम्हारा आनलाईन आना और बिना गुफ्तुगू किये चले जाना आँखों को तसल्ली पर दिल को सजा लगती हैं दीपक शर्मा (दीप राही) रूहदार यूँ तुम्हारा आनलाईन आना और बिना गुफ्तुगू किये चले जाना आँखों को तसल्ली पर दिल को सजा लगती हैं