मन कहता है कि इन बलात्कारियों के साथ इनके परिवार को या उनकी माँ को भी सजा मिलनी चाहिए जो अपने बेटों को, बेटा होने के घमंड में खिला-पिला कर बस सांड बना देती है।कुछ तमीज, कुछ संस्कार कुछ इंसान होने की सीख नहीं देती। माफ करना, कड़वा कह रही हूँ, पर क्या करें, कोई अपराध की जड़ पर प्रहार करता ही नहीं।बस सरकारों को कोसे जा रहे हैं जैसे सरकारों ने इनको पैदा किया है!! ©अंजलि जैन #अपराध की जड़#०१.१०.२० #GandhiJayanti2020