हालात का जरा जायदा लीजिए बिखरे हुओं को अब समेट लीजिए मुकद्दर अपना बुलंद है जनाब अपनों से अब तो मुहब्बत कीजिए बिखरे हुए सभी है यहाँ पर देखो लोगों को प्यार से इकट्ठा कीजिए मतलबी दुनिया है फिर भी लगे रहो सिसा दिल का आईना है इंसाफ़ कीजिए देखें होगे तुम भी दुनिया की रौनकें सबके दिलों में इमान पैदा कीजिए जाने कैसे आजकल इम्तहान है मेरा अपनों से अब तुम सवाल कीजिए बुजदिली इस्लाम में हराम है समझे आरिफ अपना मुकद्दर बुलंद कीजिए ©Mohammad Arif (WordsOfArif) हालात का जरा जायदा लीजिए बिखरे हुओं को अब समेट लीजिए मुकद्दर अपना बुलंद है जनाब अपनों से अब तो मुहब्बत कीजिए बिखरे हुए सभी है यहाँ पर देखो लोगों को प्यार से इकट्ठा कीजिए