सुखनवर कितने ही मिले महफिलों को 'तरूण', पर सुखन जहा मिली वो महफिल 'मीर' की थी। खुदा-ए-सुखन के परस्तारी मे इस खाकसार के अल्फाज़, अगर पसंद आए तो दाद जरूर दीजिएगा। सदर ए शायरी मीर तकी मीर साहब के बारे में और पढ़ने के लिए Follow करे Instagram पर @talaash_e_mir https://www.instagram.com/talash_e_mir #मीर #सुखनवर #शायरी #mirtaqimir #mir #sukhan #urdushayari #tarunvijभारतीय