हिन्दू मुस्लिम सिख और ईसाई सब एक परमेश्वर की संतान। हम सब एक परमेश्वर के बंदे,भांति भांति करते ईश गुणगान। विश्व शांति वास्ते करते आरती,अरदास,प्रार्थना और अजान। मंदिर मस्जिद गिरजाघर गुरुद्वारे में ईश को ढूंढते बन इंसान। क्यों कभी किसी भूखे गरीब मजबूर मनुज में प्रभु दिखे नहीं। दीन दुखियों की सेवा के खातिर,क्यों दिल हमारे पिघले नहीं। खूब बनाएं मंदिर और मस्ज़िद,खूब बनाई ताज और मीनारें। क्यों मानवता को नहीं पूजा,क्यों मानवता के हुए ना दीवाने। लगता रहा मंदिरों में छप्पन भोग,बाहर भूखे लोग दिखे नहीं। चढ़ाता रहा हमेशा मजारों पर चादर,कभी नंगे तन ढके नहीं। ढूंढता रहा ईश को एकांत में,कभी बाहर के हुजूम दिखे नहीं। सीखे हमने स्वार्थ सिद्ध करना,निस्वार्थ सेवा भाव सीखे नहीं। JP lodhi 04/02/2022 ©J P Lodhi. #City #ironically