मन और मंज़िल मन को चाहत थी बस अपनी मंजिल की हम कर बैठें साहब बस अपनें दिल की ना मंजिल हमें मिली ना दिलदार मिला नकारा कहकर पुकारा गया हमको बस ये पुरुस्कार मिला। #merimanzil #ctl