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तुम बढ़कर कुछ भी हो सकती थी दोस्त गुरु सहकर्मी प्

तुम बढ़कर कुछ भी हो सकती थी 
दोस्त 
गुरु
सहकर्मी
प्रेमिका 
पत्नी 
मगर घटकर तुम सिर्फ पंक्तियां बनी 
वो भी एक 
अधूरी कविता की ।

©Dr.Govind Hersal #Dosti #college #collegue #wife #lover #kavita #pankti
तुम बढ़कर कुछ भी हो सकती थी 
दोस्त 
गुरु
सहकर्मी
प्रेमिका 
पत्नी 
मगर घटकर तुम सिर्फ पंक्तियां बनी 
वो भी एक 
अधूरी कविता की ।

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