चली हमेशा जो अपनी राह बुनकर, अब तो अपने ही रास्तों से बहकने लगी है वो। कांप गई जो मेरी आवाज़ सुनकर, शायद, अब तो अपने ही दोस्तों से सहमने लगी है वो।। -आयुष सौनकिया #safegirl