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आत्मा ने आत्मविश्वास से पूछा तुम बड़े ही विशेष हो

आत्मा ने आत्मविश्वास से पूछा
तुम बड़े ही विशेष हो
महत्वपूर्ण हो,
पर कई ज़रूरी जगहों पर
गायब क्यों हो जाते हो?

आत्मविश्वास बोला
जहा कोई
राय होती है
वहा अक्सर मुझे जाना पसंद नही

आत्मा ने फिर पूछा 
क्यों?

आत्मविश्वास बोला 
मुझे डर धकेल देता है 
दरवाज़े के बाहर क्या करूं?
वो डर गुंडा है
जो लोग क्या कहेंगे के नीचे काम करता है..

आत्मा -
पर तुम तो सबसे ऊपर हो न
दिव्य हो
कई बार
डर भी तुमसे पिघल जाता है
तुम शक्ति से भरपूर हो
जब तुम किसी के पास जाते हो
तो उस व्यक्तित्व का श्रृंगार हो जाता है
आभामंडल सुंदर हो जाता है

तुम्हारे रहने पर बस
सिर्फ़ तुम रह जाते हो.. 
क्या अपनी शक्ति से परिचित हो तुम?
आत्विश्वास ने कहा -
हां क्यूंकि 
मैं स्वयं की शक्ति से परिचित हो रहा हूं..
मुझे तुम्हारी बातों में मै महसूस हो रहा हूं..

©Anupama Sharma
  #संवाद