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कुछ गिरहैं थी बाक़ी और बाक़ी थे कुछ सवाल अधूरे हम

कुछ गिरहैं थी बाक़ी और बाक़ी थे कुछ सवाल 
अधूरे हम थे और अधूरे थे कुछ ख़्वाब
रह-रह कर चुभते थे यादों के पल बेहिसाब
इलतेजा थी सिर्फ़ इतनी की काश मिल जाते कुछ जवाब
बेरुख़ी को भी अपना लेते आगे बड़कर हम हमदम
बस एक बार बोल देते की कभी कुछ नहीं थे हम तुम्हारे हमकदम....

 Humkadam!! #yqbaba #yqdidi
कुछ गिरहैं थी बाक़ी और बाक़ी थे कुछ सवाल 
अधूरे हम थे और अधूरे थे कुछ ख़्वाब
रह-रह कर चुभते थे यादों के पल बेहिसाब
इलतेजा थी सिर्फ़ इतनी की काश मिल जाते कुछ जवाब
बेरुख़ी को भी अपना लेते आगे बड़कर हम हमदम
बस एक बार बोल देते की कभी कुछ नहीं थे हम तुम्हारे हमकदम....

 Humkadam!! #yqbaba #yqdidi