तुमसे मिलकर के भी हम अधूरे रहे , स्वप्न कैसे नया संजोए सनम, जिन आंखों में मुझको खुशी देखनी, उन आंखों को कैसे भिगोए सनम। भाग्य रेखा में जो था लिखा ही नहीं, मुझको वो भी मिला और क्या चाहिए, बस ये माला तुम्हारी सुधियों की है, एक तुम्हे भूलने की दवा चाहिए। न भूले न खुद को ही समझा सके, अनवरत तेरे सपनों मे खोए सनम, तुमसे मिलकर के भी हम अधूरे रहे, स्वप्न कैसे नया संजोए सनम।१। -विशाल कश्यप #nojoto #vishalkashyap #unnao #love #Hindi