इम्तिहान सबने लिया मेरे जज़्बात का सब्र के नाम चखाया लहू मेरे नाम का तुम करना बस एक उद्धार मेरे नाम का अपने पांव में पनाह दे जोड़ लेना जीवन खुद से मेरे नाम का माना बदबू है मुझमें बहत गुनाह का ज़माने ने शिद्दत से कहा तू कहां किसी काम का उड़ेल नफ़रत ना ख़तम करना वजूद मेरे नाम का ना सबूत ना गवाही फकत बाहों में ले झुठला देना सारे गुनाह मेरे नाम का #मेरे_जज्बात008 #कुणाल_कंठ #कामिल_कवि #yqbaba #yqdidi #kunu