वो यूँ भी रूठ जायेगी बन आसूँ बरस जायेगी किसने सोचा था वो यूँ भी मुस्कुरायेगी कि बच्चो की हँसी सी खिल जायेगी किसने सोचा था सोचा तो कुछ भी ना था जिंदगी के लिए वो यूँ मेहरबान हो जायेगी मुझपे किसने सोचा था वो (जिंदगी) यूँ भी रूठ जायेगी कि मेरे समझ में ना आयेगी किसने सोचा था