बहते गए हम, तेरी आँखों के दरिया में, तुझे लगता रहा हम,नासमझ दीवाने हैं, हम डूबे बहुत गहरे, जहां तक डूब सकते थे, तुझे लगता रहा हम तैराक अनजाने हैं! Sakshi Giri Manjeet Priya राहुल पाटील (मराठीचे शिलेदार) Empty WASEEM ALI SIDDIQUI