अपने आप में ही मशरूफ़ रहता हूँ आजकल, कि ज़माने में अब मेरे अपने नहीं, गैरों के सपने नज़र आते हैं। मैं जो मशरूफ़ हूँ मुझमें तो क्या गुनाह कर दिया, तू भी तो बेगानी शादी में अब्दुल्लाह बनता है। #YQbaba #YQdidi #Sattytude