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यूँ ढल रही थी शाम, हवाएँ चल रही थी, पवन की ये लहर

यूँ ढल रही थी शाम, 
हवाएँ चल रही थी,
पवन की ये लहरें, 
आज कुछ कह रही थी,
ढलती है हर रोज ये शामें,
मगर आज ये कुछ और ही कह रही थी,
हवाएँ आज कुछ अलग जो चल रही थी...!!!  हम अक्सर पार्कों में, खुली जगहों पर जाते हैं मगर वहाँ रहते नहीं।
#हवाकहरहीथी #collab #yqdidi    #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
यूँ ढल रही थी शाम, 
हवाएँ चल रही थी,
पवन की ये लहरें, 
आज कुछ कह रही थी,
ढलती है हर रोज ये शामें,
मगर आज ये कुछ और ही कह रही थी,
हवाएँ आज कुछ अलग जो चल रही थी...!!!  हम अक्सर पार्कों में, खुली जगहों पर जाते हैं मगर वहाँ रहते नहीं।
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anubhutisahu2692

A K

New Creator

हम अक्सर पार्कों में, खुली जगहों पर जाते हैं मगर वहाँ रहते नहीं। #हवाकहरहीथी #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi