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चलता नहीं काम अये मेरे दोस्त, फिजूल की बातों से।

चलता नहीं काम अये मेरे दोस्त, 
फिजूल की बातों से। 

यूं तो हम सूरज को भी कैद कर लेते हैं, 
हाथों से।

©Nokesh Madhukar Aajad आजाद के अल्फाज़
चलता नहीं काम अये मेरे दोस्त, 
फिजूल की बातों से। 

यूं तो हम सूरज को भी कैद कर लेते हैं, 
हाथों से।

©Nokesh Madhukar Aajad आजाद के अल्फाज़