ऐ कुदरत मेरे खुदा पर कुछ ऐसा इश्क़ का फितूर चढ़ा दे मुझे मेहबूब का राँझा , तुझे खूबसूरत हीर बना दे मार कर भी ना मेरे हम , मोहब्बत की किसी दास्तान में मेरी आने वाली नस्ल को प्रेम में जीने का मतलब सीखा दे 🌟 🌟 🌟 🌟 🌟 🌟 🌟 🌟 🌟 🌟 🌟 🌟 🌟 ©Sethi Ji मोहब्बत का भी अलग दस्तूर होता है अपना मेहबूब हर हालत में , कबूल होता हैं । कितना भी छिपाये अपना हाल-ए-दिल हुज़ूर इश्क़ का फितूर हर किसी को , जरूर होता हैं ।।