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पाक़ और अज़ीज़ वह वक़्त आ गया मुबारक़ हर बंदे को रमज़ान

पाक़ और अज़ीज़ वह वक़्त आ गया
मुबारक़ हर बंदे को
रमज़ान की शक़्ल में ख़ुदा आ गया

तसव्वुर और इंतज़ार था जिसकी रोशनी का
नज़र आज मुझे वो चाँद आ गया
रमज़ान की शक़्ल में ख़ुदा आ गया....

फिरता था दर बदर जिस परवर दीग़र की ज़ुस्तज़ू में
बन के मेरा मसीहा घर वो मेरे आ गया

किये हों गर गुनाह कोई
क़ुबूल करने का उन्हें मुक़म्मल मौक़ा आ गया 

रमज़ान की शक़्ल में ख़ुदा आ गया....

लगा लो दुश्मन को भी गले
भुला के सब शिक़वे और गिले
अल्लाह के हर बंदे में खुद अल्लाह नज़र आ गया

रमज़ान की शक्ल में ख़ुदा आ गया......

रहमतों का उसकी बरसने का मौसम आ गया
मन्नतों के पूरी होने का अब वक़्त आ गया

रमज़ान की शक़्ल में ख़ुदा आ गया

- विनीत ताम्बी #रमजानमुबारक
पाक़ और अज़ीज़ वह वक़्त आ गया
मुबारक़ हर बंदे को
रमज़ान की शक़्ल में ख़ुदा आ गया

तसव्वुर और इंतज़ार था जिसकी रोशनी का
नज़र आज मुझे वो चाँद आ गया
रमज़ान की शक़्ल में ख़ुदा आ गया....

फिरता था दर बदर जिस परवर दीग़र की ज़ुस्तज़ू में
बन के मेरा मसीहा घर वो मेरे आ गया

किये हों गर गुनाह कोई
क़ुबूल करने का उन्हें मुक़म्मल मौक़ा आ गया 

रमज़ान की शक़्ल में ख़ुदा आ गया....

लगा लो दुश्मन को भी गले
भुला के सब शिक़वे और गिले
अल्लाह के हर बंदे में खुद अल्लाह नज़र आ गया

रमज़ान की शक्ल में ख़ुदा आ गया......

रहमतों का उसकी बरसने का मौसम आ गया
मन्नतों के पूरी होने का अब वक़्त आ गया

रमज़ान की शक़्ल में ख़ुदा आ गया

- विनीत ताम्बी #रमजानमुबारक